भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानि की DRDO ने करोना के लिए एंटीबॉडी डिटेक्शन को बनाया है जिसका नाम
रखा गया है DIPCOVAN ये इस लिए बनाया गया की
भारत में बड़ते करोना के मामले को देखते होवे लोगु की सुरक्षा के लिए DRDO ने बनाया है |
जब की DRDO और कार्य कर रही इस
महामारी से बचने के लिए तरह तरह के उपकरण पर कार्य कर रही है भारतीय रक्षा
अनुसंधान काफी कार्य कर है अब भी के समय DRDO ने एंटीबॉडी डिटेक्शन का निर्माण किया है |
DIPCOVIN क्या है?
DIPCOVIN एक एंटीबॉडी डिटेक्शन
कार्य करती है और ये किट 97% की उच्च संवेदनशील के साथ
कोरोना वायरस के स्पाईक्स के साथ-साथ न्यक्लियोकेप्सिड प्रोटोन दोनों का पता लगा
सकती है इसे भारती चिकित्सा अनुसंधानपरिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है |
DRDO ने इस किट को किसके सहयोग से बनाया गया है?
इसे दिल्ली के वेगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के
दसहयोग से DRDO के द्वारा बनाया गया है |
DIPCOVAN का मानव के लिए कार्य क्या है?
DIPCOVAN का कार्य यह है की यह
मानव सीरम या प्लाज्मा में igG एंटीबॉडी का गुणात्मक पता
लगाने का कार्य करता है और ये SARS-COV-2 से संबंधित एंटीजन को
लक्षित करता है यह अन्य बीमारियों के साथ किसी भी कोर्स रिएक्टिविटी के बिना परिक्षण
का संचालन करने का कार्य करता है और केवल 75 मिनिट के तेजी से बदलाव का समय प्रदान करता है |
DIPCOVAN कितने समय तक कार्य कर सकती है?
यह किट 18 महीने तक कार्य कर सकता है |
डीआरडीओ के अनुसार इस किट को दिल्ली के कई अस्पतालों में लगभग
1000 लोगो पर परिक्षण किया गया है इसके बाद इसे ड्रग्स कण्ट्रोल जनरल ऑफ़ इंडिया ने
इसे डिटेक्शन किट के उत्पादन बिक्री और वितरण के लिए अनुमति दे दिया गया है |
इस किट की कीमत कितनी होगी
इस किट की कीमत लगभग 75 रुपय का आसपास होगी |
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